Big News : LWE के तहत मिलने वाली सहायता हुई बंद..बस्तर वामपंथी उग्रवाद प्रभावित जिलों की सूची से हुई बाहर..पढ़ें पूरी खबर

Chhattisgarh News/रायपुर। देश-प्रदेश को मार्च 2026 तक नक्सल मुक्त बनाने का लक्ष्य लेकर शासन-प्रशासन और सुरक्षाबलों का सामूहिक प्रयास अब एक नए मुकाम पर पहुंच गया है. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बस्तर को लेफ्ट विंग एक्स्ट्रिमिज्म (एलडब्ल्यूई) जिलों की सूची से बाहर कर दिया है. हालांकि, इस संबंध में केंद्रीय गृह मंत्रालय (एमएचए) की ओर से अब तक कोई अधिकृत घोषणा नहीं की गई है.
वहीं, बस्तर को लेफ्ट विंग एक्स्ट्रिमिज्म (LWE) जिलों की सूची से बाहर करने के साथ ही केंद्र सरकार ने अप्रैल से शुरू होने वाले नई वित्त वर्ष से एलडब्ल्यूई के तहत बस्तर जिले को मिलने वाली आर्थिक मदद को भी बंद कर दी है. करोड़ों रुपए का यह फंड जिले में विकास कार्यों व नक्सल उन्मूलन के लिए जारी किया जाता था. मार्च 2025 तक बस्तर जिले को ये राशि जारी की गई, लेकिन अप्रैल 2025 से केंद्र सरकार ने एलडब्ल्यूई फंड पर रोक लगा दी है.
संभाग के 7 में से 2 जिले हुए नक्सलमुक्त
दरअसल, बस्तर संभाग में 7 जिले शामिल हैं, जिनमें बस्तर के अलावा दंतेवाड़ा, बीजापुर, सुकमा, नारायणपुर, कोंडागांव व कांकेर शामिल हैं. इस साल छत्तीसगढ़ के तीन और जिले, राजनांदगांव, कवर्धा और खैरागढ़-छुईखदान-गंडई को केंद्र की एलडब्ल्यूई की सूची से बाहर कर दिया गया.
जिले के ये इलाके भी नक्सलवाद मुक्त
फिलहाल, बस्तर जिले का दरभा इलाके का कोलेंग, तुलसीडोंगरी, जगदलपुर से लगे माचकोट, तिरिया, लोहंडीगुड़ा इलाके के मारडूम, ककनार, बारसूर सीमा के इलाके नक्सलवाद से प्रभावित थे. इसके बाद दरभा की झीरम घाटी में दो कैंपों सहित कोलेंग, तुलसीडोंगरी में कैंप खोले गए. मारडूम में कैंप व थाना खोला गया. ककनार व चित्रकोट में चौकी और कैंप खोले गए. लोहंडीगुड़ा में सीआरपीएफ कैंप खोला गया.