Health Tips : बाहर के कपड़े पहनकर सीधा बेड पर?..न करें ये गलती, घर आते ही पहले बदलें कपड़े..डर्मेटोलॉजिस्ट से जानें ये क्यों जरूरी

Lifestyle Desk; दिनभर की थकान के बाद घर लौटते ही पहला ख्याल यह आता है कि बिस्तर मिले और लेट जाएं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि जिन कपड़ों को पहनकर आप ऑफिस, बाजार या मेट्रो से गुजरते हैं, वही कपड़े सीधे आपके बिस्तर पर पहुंच जाएं तो क्या होगा?
कई लोग इसे बिल्कुल भी स्वीकार नहीं करते और मानते हैं कि बाहर के कपड़े गंदगी और कीटाणु लेकर आते हैं, जो नींद और स्वास्थ्य दोनों को प्रभावित कर सकते हैं। वहीं कुछ लोग कहते हैं कि यह बिल्कुल सामान्य बात है। इससे कोई खतरा नहीं है।
ऐसे में आज हम जरूरत की खबर में जानेंगे कि-
क्या बाहर के कपड़े सच में इतने गंदे होते हैं?
बाहर से आते ही कपड़े क्यों बदलने चाहिए?
सवाल- क्या सच में बाहर के कपड़े इतने गंदे होते हैं?
जवाब- हां, बाहर पहने गए कपड़े घर के मुकाबले ज्यादा गंदे हो सकते हैं। जब आप सड़कों, ऑफिस, बाजार या पब्लिक प्लेस से होकर गुजरते हैं तो आपके कपड़े धूल, मिट्टी और बैक्टीरिया के संपर्क में आते हैं जो हमें नंगी आंखों से नहीं दिखते हैं।
इंटरनेशनल लेवल पर हाइजीन से जुड़े काम देखने वाली संस्था ने ISSA छोटे से प्रयोग में पाया गया कि साफ पायजामे की तुलना में बाहर पहने गए जिम कपड़ों या ऑफिस के कपड़ों पर ज्यादा बैक्टीरिया पनपते हैं। यानी, साफ दिखने के बावजूद कपड़ों पर गंदगी मौजूद रहती है।
सवाल- बाहर के कपड़ों में कौन-कौन से कीटाणु या गंदगी बिस्तर तक पहुंच सकती है?
जवाब- बाहर बहुत सारी गंदगी हवा में उड़ती रहती है, जो हमारे कपड़ों में चिक जाती है। साथ ही पब्लिक प्लेस पर बहुत सारे लोग आते जाते रहते हैं। उनके संपर्क में आने से उनके बैक्टीरिया भी हमारे संपर्क में आ सकते हैं।
जैसे मेट्रो स्टेशन के लिफ्ट की स्विच, नल का टैप, ऑफिस के दरवाजे का हैंडल आदि। बाहर के कपड़े मुख्य रूप से तीन तरह के संक्रमण या गंदगी ला सकते हैं। आइए इसे ग्राफिक के जरिए समझते हैं।
ये सब अगर बिस्तर तक पहुंच जाएं तो वहां जमा होकर आपकी सेहत को प्रभावित कर सकते हैं।
सवाल- क्या इससे एलर्जी या स्किन प्रॉब्लम हो सकती है?
जवाब- हां, बाहर के कपड़े पहनकर बिस्तर पर जाने से एलर्जी या त्वचा संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। जिन लोगों को धूल या परागकण से एलर्जी है, उनके लिए यह समस्या और बढ़ सकती है।
बैक्टीरिया और पसीने के कारण कपड़े स्किन पर रैशेज, खुजली या फंगल इंफेक्शन तक पैदा कर सकते हैं। संवेदनशील त्वचा वाले लोगों के लिए यह और ज्यादा परेशान करने वाला होता है।
हालांकि, सामान्य रूप से स्वस्थ लोगों के लिए यह खतरा बहुत बड़ा नहीं है, लेकिन समय के साथ यह असहजता और स्किन प्रॉब्लम्स बढ़ा सकता है।
सवाल- किन लोगों को सबसे ज्यादा सावधानी बरतनी चाहिए?
जवाब- हर किसी को सफाई का ध्यान रखना चाहिए, लेकिन कुछ लोगों के लिए यह और भी जरूरी है। आइए इसे ग्राफिक के जरिए समझते हैं।
सवाल- बाहर से लौटकर तुरंत कपड़े बदलना क्यों जरूरी है?
जवाब- बाहर के कपड़े बदलने से आप धूल, बैक्टीरिया और एलर्जन को अपने बिस्तर और सोफे तक पहुंचने से रोकते हैं। इससे बिस्तर ज्यादा समय तक साफ और ताजा बना रहता है।
मानसिक सुकून भी मिलता है क्योंकि आपको लगता है कि आप एक साफ माहौल में आराम कर रहे हैं। कई एक्सपर्ट मानते हैं कि साफ कपड़ों में सोने से नींद की गुणवत्ता बेहतर हो जाती है।
सवाल- क्या कभी-कभी झपकी लेने के लिए बाहर के कपड़ों में बिस्तर पर जाना गलत है?
जवाब- नहीं इससे बिस्तर जल्दी गंदा होगा और एलर्जी का खतरा बढ़ सकता है। मानसिक रूप से भी साफ कपड़ों में लेटना ज्यादा आरामदायक महसूस होता है।
सवाल- घर और बिस्तर को साफ-सुथरा रखने के लिए कौन-सी बेसिक हाइजीन अपनानी चाहिए?
जवाब- घर और बिस्तर को साफ-सुथरा रखने के लिए कुछ बेसिक हाइजीन का ख्याल रखना जरूरी है। आइए इसे ग्राफिक के जरिए समझते हैं।
सवाल- रोजमर्रा के कपड़े जैसे चादर-ब्लैंकेट कितनी बार धोना चाहिए ताकि संक्रमण से बचा जा सके?
जवाब- रोजमर्रा के कपड़े 2–3 बार पहनने के बाद धोने चाहिए। जिम या पसीने वाले कपड़े हर बार धोना जरूरी है। चादर और तकिये का कवर हफ्ते में कम से कम एक बार धोना चाहिए।
अगर घर में एलर्जी वाले लोग हैं तो हफ्ते में दो बार भी धो सकते हैं। कंबल और रजाई जैसे कपड़ों की क्लीनिंग सीजन में कम से कम दो से तीन बार होनी चाहिए।
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