बगीचा के जूरूडांड मामले को लेकर कांग्रेस की महत्वपूर्ण पत्रकारवार्ता आयोजित,कांग्रेस ने कहा होगा जेल भरो आंदोलन का शुभारंभ

बगीचा के जूरूडांड मामले को लेकर कांग्रेस की महत्वपूर्ण पत्रकारवार्ता आयोजित,कांग्रेस ने कहा होगा जेल भरो आंदोलन का शुभारंभ

जशपुर : ज़ुरूडांड में घटित घटना पर हुई कार्यवाही और मुआवजा की राशि बढ़ाया कर देने की मांग को लेकर जिला कांग्रेस कमेटी जशपुर का महत्वपूर्ण पत्रकार वार्ता जिला कांग्रेस कार्यालय जशपुर में संपन्न हुआ।इस अवसर पर मुख्य रूप से आखिल भारतीय कांग्रेस पार्टी की राष्ट्रीय सचिव व छत्तीसगढ़ की सहप्रभारी जरिता लैतफलांग ने पत्रकार वार्ता को संबोधित किया वहीं जशपुर जिला प्रभारी भानु प्रताप सिंह,पूर्व विधायक यूडी मिंज,पूर्व विधायक विनय भगत,जिलाध्यक्ष मनोज सागर यादव,कुनकुरी नगर पंचायत अध्यक्ष विनयशील गुप्ता,डीडीसी आशिका कुजूर ने भी पत्रकार वार्ता को संबोधित किया।

पत्रकारवार्ता को संबोधित करते हुवे जिलाध्यक्ष मनोज सागर यादव ने कहा कि 2 सितंबर की रात रात गणेश विसर्जन कार्यक्रम के दौरान हिट एंड रन मामला घटित हुआ जिसमें 3 लोगों की मौत हुई,22 लोग इस घटना में घायल हुए,घटना की जानकारी पाकर कांग्रेस के लोग इस दुख की घड़ी में सभी पीड़ितों के साथ खड़ी हुई।मामले में जिले के प्रशासनिक अमला के द्वारा मुआवजा को लेकर षडयंत्र कारी नीति के तहत पीड़ित परिवार को बरगलाने का प्रयास किया।वर्ष 2021 के मामले में इसी प्रकार की घटना पत्थलगांव में घटित हुआ था उस समय नागरिकों की मांग पर 50 लाख रुपए का मुआवजा कांग्रेस की तत्कालीन भूपेश सरकार द्वारा दिया गया था।इस समय उसी प्रकार की घटना घटित हुई,बगीचा के जूरूडांड में पीड़ित मृतक परिवार को पिछली सरकार की तरह 50 लाख का मुआवजा दिया जाना चाहिए।स्वास्थ सुविधा पर तीखा प्रहार करते हुए बताया कि इस वक्त अंबिकापुर में भर्ती अधिकांश घायलों का उपचार निजी अस्पताल में चल रहा है जिन्हें मात्र 50 हजार रूपये की आर्थिक सहायता मुआवजा के तौर पर दिया जा रहा जो किसी भी सूरत में तर्क संगत नहीं है।पहले इन घायलों को मेडिकल कॉलेज रिफर किया गया अब उनका उपचार निजी अस्पताल में हो रहा जिस पर भी सवालिया निशान श्री यादव ने उठाया।श्री यादव ने पीड़ित परिवार के लिए कदम से कदम मिला मुआवजे की मांग पर सामने आए कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के खिलाफ एफ.आई.आर.किए जाने पर कड़ी आपत्ति जताई है।

पूर्व संसदीय सचिव यूडी मिंज ने बगीचा की घटना को राजनीतिक रूप करार दिए जाने पर कड़ी आपत्ति जताई है।वर्ष 2021 की घटना के समय उक्त मामले को लेकर हुवे आंदोलन पर भूपेश की सरकार से भाजपा के ओ पी चौधरी,रेणुका सिंह,गोमती साय सहित अन्य बड़े नेताओं के द्वारा 1 करोड़ रुपए की मांग और सरकारी नौकरी पीड़िती मृतक परिवार को दिए जाने का मांग किया था,जिसमें 50 लाख रुपए का मुआवजा उस समय भूपेश सरकार द्वारा दिया गया। अब इसी प्रकार की घटित घटना में विष्णु सरकार के द्वारा मुआवजा के लिए मात्र 5 लाख रुपए दिया जा रहा जो भेदभाव से परिपूर्ण नजर आ रहा।

पूर्व विधायक विनय भगत ने बगीचा में घटित घटना पर दुख व्यक्त करते हुए कहा कि घटना को लेकर मुआवजा का मांग ग्रामीण कर रहे थे,जिनके समर्थन में कांग्रेस के वरिष्ठगण सहित अन्य कार्यकर्ताएं उपस्थित हुवे,उक्त मांग करने पर इन पर कानूनी शिकंजा कसा जा रहा है,आज जनता की आवाज को दबाने 12 लोगों के विरुद्ध कार्यवाही किया गया है,यह निंदनीय है।

डीडीसी आशिका कुजूर ने कहा कि मेरे निर्वाचन क्षेत्र का हर नागरिक मेरा परिवार है,मृतक पीड़ित सभी परिवार से मुलाकात करने हम सभी लोग मिलने पहुंचे। हम पर जबरन आरोप लगाया गया कि हमारे द्वारा सड़क पर लाश को रख मांग किया जा रहा जबकि हमारे वहां पहुंचने से पूर्व पीड़ित मृतक परिवार अपने से लाश सड़क पर ले मुआवजा का मांग कर रहे थे। लगभग 10 घंटे तक सड़क में बैठने के बावजूद भी शासन प्रशासन के द्वारा कोई रस्ता नहीं निकाला गया और न ही पीड़ित परिवार से कोई बात किया गया।चारों मृतक परिवार को 50 लाख रूपये मुआवजा का मांग किया जा रहा है,जिसका कांग्रेस समर्थन करती है,आज घायलों की स्थिति है कि अधिकांश घायलों का उपचार निजी अस्पतालों में किया जा रहा है,हम पर एफ आई आर फर्जी तरीके से किया गया है।पीड़ित परिवार के तरफ से कोई भी एफ आई आर हमारे विरुद्ध नहीं हुआ है,मामले में भ्रम फैलाया जा रहा है कि पीड़ित परिवार ने हम 12 लोगों के विरुद्ध एफ आई आर कराया है।

नगर पंचायत कुनकुरी के अध्यक्ष विनयशील गुप्ता ने कहा कि बगीचा के जूरूडांड में घटित घटना दर्दनाक और विचलित करने वाली थी,उक्त घटना को सामान्य मान कर मामूली मुआवजा दिया गया है,किसी परिवार का बेटा मुखिया घटना में परिवार ने गंवाया है।जिसको मात्र 5 लाख रुपए का मुआवजा दिया जाना जायज नहीं है,यहां तक कि 50 हजार रूपये घायलों को दिया गया यह भी कतई जायज नहीं है।पीड़ित परिवार के साथ कांग्रेस के लोग हैं।घटना में दबाव इतना ज्यादा था कि भोर में ही शव का पीएम किया गया,पीड़ित परिवार पर दबाव बना लाश इतना जल्दबाजी में सुबह जलवाया गया कि मृतक के अंतिम संस्कार में उसके परिवारजन भी दूर से आने वाले शामिल नहीं हो पाये।श्री गुप्ता ने आगे कहा कि कांग्रेस के लोग जेल जाने से डरते नहीं है 12 लोग क्या 1200 लोग को भी जेल डाल दीजिए कांग्रेस के लोग हमेशा पीड़ित परिवार के साथ है।कांग्रेस के कार्यकर्ताओं पर एक के बाद एक दो एफ आई आर हुए इस पर भी सवालिया निशान श्री गुप्ता ने उठाया है। सभी घायलों को 10 लाख रुपए और मृतक के परिवार को 50 लाख रूपये देने का मांग कांग्रेस कर रही है।

जिला प्रभारी भानु प्रताप सिंह ने कहा कि बगीचा के जूरूडांड में घटित घटना अत्यंत ही पीड़ादायक है। उक्त घटना की घटना की जानकारी प्रातः ही घटना दिनांक को मिलते मै मृतक पीड़ित परिवार के साथ साथ घायलों से मिलने पहुंचा,वहां पहुंचते ही दो मृतक का अंतिम संस्कार हो चुका था,जबकि एक ईसाई समुदाय से मृतक का प्रार्थना सभा चल रहा था।जिसके बाद दोनों हिन्दू मृतक परिवार से मुलाकात करने पहुंचे,पीड़ित परिवार ने मुआवजा की राशि के संबंध में मांग किया कि 50 लाख रुपए का मांग किया जिस पर कांग्रेस ने आश्वस्त किया कि वह पीड़ित परिवार के साथ है और उनके परिवार को 50 लाख रूपये मुआवजा राशि दिलाने प्रयासरत रहेगी।लगभग 10 घंटे की कड़े मशक्कत के बावजूद शासन प्रशासन के तरफ कोई भी जिम्मेदार अधिकारी वहां नहीं पहुंचा,देर रात लाश का अंतिम संस्कार करने पीड़ित परिवार जाने लगे तो पुलिसिया दबाव के कारण उनका अंतिम संस्कार करने नहीं दिया जा रहा था। बल्कि उक्त घटना में कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर एफ आई आर किया गया और देर रात लोकल मुचलका पर छोड़ा गया।उक्त घटना में दो दिन बाद फर्जी तरीके से एफ आई आर दर्ज किया गया।जिस पर सवालिया निशान कांग्रेस उठाती है।हमें परिजनों ने बताया कि उक्त मामले में जल्दबाजी में भोर के समय ही सभी मृतकों का पीएम हुआ है। उक्त मामले में मृतक के सभी परिवार को 50 लाख रूपये और सभी घायलों को 10 लाख रुपए मुआवजा देने का मांग किया गया है।

राष्ट्रीय सचिव व छत्तीसगढ़ की सहप्रभारी जरिता लैतफलांग ने जिले में स्वास्थ व्यवस्था पर सवालिया निशान उठाते हुए तीखा प्रहार किया और कहा कि इस सरकार में जान की कीमत मात्र 5 लाख रुपए है।जबकि कांग्रेस की सरकार ने ऐसे ही घटना में 50 लाख रूपये मुआवजा दिया था,अब पांच लाख रुपए का मुआवजा स्वीकार नहीं है।सहप्रभारी जरिता लैतफलांग ने पुलिस पर भी सवालिया निशान उठाते हुए कहा कि एक अविवाहित लड़की कार्यकर्ता और चुनी हुई जनप्रतिनिधि (डीडीसी आशिका कुजूर) के साथ पुलिस ने नियम विरुद्ध व्यवहार किया है।उक्त लड़की को बिना वजह के थाना लाया गया और नियम के अनुसार लड़की के साथ महिला आरक्षक होना अनिवार्य था जिसका पालन नहीं हुआ साथ ही रात्रि 12 बजे गैर जिम्मेदाराना व्यवहार निभाते हुए उक्त लड़की को अकेले छोड़ दिया गया।ऐसे में एक महिला को अनावश्यक रुप से थाना ले जाना न्यायोचित नहीं है।उन्होंने आगे कहा कि मामले में मृतकों के परिवार को एक फोन भी सरकार के तरफ से नहीं किया गया जो उनके असंवेदनशीलता को झलकाता है।उक्त घटना में फर्जी एफ आई आर का सहारा लिया जा रहा है,जिस पर भी सवालिया निशान पत्रकारवार्ता में उन्होंने उठाया। भोर में हुवे पोस्ट मार्टम पर भी सवालिया निशान उठाते हुए न्याय प्रशासन को आड़े हाथ पत्रकार वार्ता में लिया गया।उन्होंने कहा कि हम फर्जी मामले हुवे एफ आई आर पर जमानत नहीं लेंगे बल्कि अब मामले में जेल भरेंगे मामले में 12 लोगों पर नहीं बल्कि 1200 लोगों पर कार्यवाही करें मुआवजा की मांग को लेकर जेल भरो आंदोलन किया जायेगा।

इस दौरान अनिल किस्पोट्टा,हीराराम निकुंज,सहस्त्रांशु पाठक,अजय टोप्पो,अजय गुप्ता सहित अन्य कांग्रेस कार्यकर्ता और पदाधिकारी मौजूद रहे।