CG Big News : भारतमाला मुआवजा घोटाला मामला..25 करोड़ की जमीन की हेराफेरी..तहसीलदार और पटवारी का कारनामा..पढ़ें पूरी खबर

Chhattisgarh News/रायपुर। भारतमाला मुआवजा घोटाला मामले में जेल में बंद आरोपी हरमीत सिंह खनूजा का एक और बड़ा जमीन घोटाला उच्च स्तरीय जांच में सामने आया है. खनूजा ने पंडरीतराई स्थित ग्राम सेवा समिति की लगभग सवा चार एकड़ जमीन को राजस्व रिकॉर्ड में कूटरचना कर अपने नाम चढ़वा लिया.
दरअसल, इस जमीन का अनुमानित बाजार मूल्य लगभग 25 करोड़ रुपए बताया जा रहा है. जांच रिपोर्ट के आधार पर संभागायुक्त ने तत्कालीन तहसीलदार रायपुर मनीष देव साहू व पंडरीतराई पटवारी विरेंद्र कुमार झा के कृत्य को विधि विरुद्ध मानते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई किए जाने की अनुशंसा की है. जांच रिपोर्ट के मुताबिक हरमीत सिंह खनूजा द्वारा पंडरीतराई में ग्राम सेवा समिति की बेशकीमती 1,79,467 वर्गफीट जमीन को 60 वर्ष पुरानी रजिस्ट्री व कूटरचित हकत्याग पत्र तैयार कर और तत्कालीन तहसीलदार मनीष देव साहू से मिलीभगत कर 15 फरवरी 2023 को नामांतरण आदेश प्राप्त किया गया.
फिलहाल, कथित 60 वर्ष पुराने विक्रय पत्र दिनांक 20.01.1965 के आधार पर रविंद्र अग्रवाल व जितेंद्र अग्रवाल सहित 10 लोगों के नाम खसरा नंबर 299/1क में चढ़ाने आदेश पारित करवा लिया गया. जबकि उक्त भूमि की रजिस्ट्री 20.01.1965 के विक्रेता लखनलाल व शत्रुहन लाल कभी भी खसरा नंबर 299/1क (रकबा 4.12 एकड़) के मालिक नहीं रहे और न राजस्व अभिलेख में उनका नाम दर्ज था. चूंकि राजस्व अभिलेखों में अभिलिखित विक्रेता का नाम नहीं था, फिर भी हल्का पटवारी पंडरीतराई विरेंद्र कुमार झा द्वारा ग्राम सेवा समिति की भूमि के परिवर्तित संधारण शीट प्लाट नंबर 1 व 2 के बीच कूटरचना कर प्लाट नंबर ½ रकबा दर्ज कर 12 लोगों के नाम चढ़वा दिया गया.
वहीं नाम चढ़वाने के बाद हरमीत सिंह खनूजा द्वारा 7 मार्च 2023 को एक कूटरचित हक त्याग पत्र निर्मित किया गया, जिसे पंजीकृत बताया गया. जबकि वह पंजीकृत नहीं था. उक्त कूटरचित हक त्याग पत्र के आधार पर रविंद्र अग्रवाल के नाम छोड़कर 12 लोगों के नाम राजस्व अभिलेख से विलोपित का आदेश तत्कालीन तहसीलदार द्वारा जारी कर दिया गया. पंडरीतराई पटवारी ने तत्परता से आदेश का पालन भी कर दिया. शेष बचे खातेदार को 20 प्रतिशत भूमि का पार्टनर बनाकर हरमीत सिंह खनूजा द्वारा 80 प्रतिशत जमीन अपने फर्म-दशमेश रियल इन्वेस्टर के पार्टनर बनकर अपने व भाइयों के नाम पर रजिस्टर्ड करवा कर एक ही दिन में तहसीलदार से दर्ज करवा लिया.
फिलहाल ग्राम सेवा समिति रायपुर के मंत्री अजय तिवारी ने 16 अगस्त 2024 को संभागायुक्त महोदव कावरे से इस फर्जीवाड़े की शिकायत की. इस पर संभागायुक्त ने उपायुक्त ज्योति सिंह की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जांच समिति गठित की. समिति ने जांच के बाद अपनी रिपोर्ट संभागायुक्त को सौंप दी है. समिति की रिपोर्ट के आधार पर तत्कालीन तहसीलदार मनीष देव साहू को कारण बताओ नोटिस तथा पटवारी विरेंद्र कुमार झा के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई करने की अनुशंसा की गई है.