वन मंत्री ने दिया आश्वासन,अब बनेगा कलिया,गायलूंगा,बुटंगा वाला ढेंगूरजोर नाला मे पुलिया,,जशपुर विधायक रायमुनी भगत ने विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों को लगायी फटकार

तीन पंचायतों के आवागमन में हो रही दिक्कतों की समस्याओं का जल्द होगा निराकरण,जशपुर विधायक के प्रयास से होगा डेंगुरनाला में पुलिया का निर्माण
वन मंत्री ने दिया आश्वासन करेंगे समस्या का निराकरण,विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों को भी विधायक ने लगाई फटकार
जशपुर : बरसात के दिनों में टापू बन जा रहे डेंगुरनाला के बहाव का अवलोकन करने जशपुर विधायक श्रीमती रायमुनी भगत खुद पानी में उतर बहाव का अवलोकन की।इस दौरान उन्होंने मौके से ही वन मंत्री केदार कश्यप से दूरभाष में जानकारी देते हुए वस्तु स्थिति से अवगत कराई और मांग किया कि जल्द ही इसका त्वरित निराकरण किया जाये। वन मंत्री केदार कश्यप ने आश्वासन दिया है कि जल्द ही इस समस्या का निराकरण किया जायेगा।
ज्ञात हो कि बगीचा विकास खंड क्षेत्र अंतर्गत डेंगुरनाला बरसात के दिनों में टापू बन जाता है,तीन पंचायतों के लिए प्रमुख मार्ग बगीचा ब्लाक में स्थित डेंगुरजोर नाला में पुल का न होना सबसे बड़ी समस्या है इतना ही नहीं यहां सड़क के जर्जर होने से आवागमन में भी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।गत दिनों बारिश के पानी से उत्पन्न स्थिति से टापू बना डेंगुरजोर नाला में नवजात शिशु और महिला को दो लोगों के सहारे नाला को पार करते वीडियो वायरल हुआ था,जिसे देख जशपुर विधायक श्रीमती रायमुनी भगत का दिल पसीज गया और मानवता का परिचय देते हुए विधायक श्रीमती भगत डेंगुरजोर नाला देखने पहुंची।यहां उन्होंने ग्रामीणों से मुलाकात की और वस्तु स्थिति का जानकारी लिया।ग्रामीणों ने उन्हें बताया कि ग्राम पंचायत बुटूंगा,कलिया और गायलुंगा के लिए एकमात्र आवागमन का मार्ग यही है जो जर्जर स्थिति में है,इसी मार्ग पर डेंगुरजोर नाला स्थित है जिसमें पुलिया के अभाव के कारण यह टापू सा निर्मित हो जाता है जिस कारण यहां आवागमन बाधित होता है और ग्रामीणों को परेशानी का सामना करना पड़ता है।ग्रामीणों की समस्या सुन जशपुर विधायक तत्काल डेंगुरजोर नाला पहुंची और यहां पानी में उतर मौके का अवलोकल किया।
मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा के बाद विधायक श्रीमती भगत ने इस पर गंभीर चिंता व्यक्त की और कहा कि यह समस्या ग्रामीणों के लिए अत्यधिक गंभीर है। उन्होंने शासन प्रशासन से मिलकर यह सुनिश्चित करने का आश्वासन दिया कि डेंगुरजोर नाला में प्राथमिकता के आधार पर पुल का निर्माण जल्द से जल्द कराया जाएगा। विधायक ने कहा कि गांववालों को यह समस्या वर्षों से झेलनी पड़ रही है और अब समय आ गया है कि इस पर स्थायी समाधान निकाला जाएगा।
*क्या है मामला*
गुरुवार को दोपहर ग्रामीणों ने विधायक श्रीमती रायमुनी भगत को ग्रामीणों ने उनके निवास पहुंचकर बताया कि हम सभी जनता जगह जगह आवेदन देकर हार मान चुके है आप हमारे विधायक है सड़क पुल की समस्या का समाधान अब आपके हाथों में है,जिसमें उन्होंने मौके पर पहुंच कर मुआयना कर आश्वासन दिया कि जल्द ही मुख्यमंत्री, वन मंत्री से मिलकर सड़क को सुगम बनवा देंगे।
गायलुंगा के उपसरपंच शिव यादव,बच्छरांव सरपंच शंकर राम बरला,संभु सिंह साहीडाँड़ ने जशपुर विधायक श्रीमती रायमुनी भगत के पास पहुंच कर सड़क और पुल की स्थिति से अवगत कराया एवं गत दिनों नवजात शिशु और महिला को दो लोगों के सहारे नाला को पार करते वीडियो भी दिखाया गया,इस पीड़ा ने जशपुर विधायक श्रीमती भगत को झकझोर दिया। उन्होंने एक पल भी देरी न करते हुए 90 किमी का सफर कर तत्काल मौके पर पहुंच कर डेंगुरजोर नाला में उतर कर पानी के बहाव का अवलोकन किया।उन्होंने तत्काल वन मंत्री से फोन पर बात कर स्थिति से अवगत कराया। श्रीमती भगत ने ग्रामीणों को पूरा आश्वासन दिया कि बहुत जल्द यंहा पुलिया के निर्माण किया जाएगा। वहीं सड़क की जर्जर हालत को देखते हुए विभाग के सम्बंधित अधिकारी को जमकर क्लास लगाई और शीघ्र ही सड़क मरम्मत का निर्देश दिया। क्षेत्र के ग्रामीणों ने पूर्व में जनप्रतिनिधियों और प्रशासन के आश्वासनों से थकी लीला की पुकार पर अब एक वास्तविक राहत मिलती दिख रही है।
पिछले कई दशकों से ग्रामीणों के द्वारा इस क्षेत्र के डेंगुरजोर नाला में पुल निर्माण की मांग की जा रही है। अभ्यारण्य के बीच मे बसे तीन पंचायत तक पहुंचने के लिए एकमात्र रास्ता जो नाले से गुजरता है, वह बारिश के दिनों में हमेशा भरा रहता है जिससे दो पहिया वाहन तक गांव में प्रवेश नहीं कर सकते।नाला को पार करने के पहले और बाद कीचड़ भरी सड़क को पार करना किसी चुनौती से कम नहीं होता है। इस सड़क पर बड़े-बड़े गड्ढे बने हुए हैं। कच्ची सड़क होने के कारण यह पूरा रास्ता कीचड़ में तब्दील हो जाता है। आने-जाने वाले बाइक या आटो कीचड़ में फंस कर कई बार पलट चुके हैं। इस रास्ते से गुजरना खतरा मोल लेने के बराबर है। ग्रामीणों के अनुसार, पुल के अभाव में न केवल स्वास्थ्य सेवाओं में देरी होती है, बल्कि उनके दैनिक जीवन की कई अन्य गतिविधियां भी प्रभावित होती हैं।यहां की खराब रास्ते की वजह से एंबुलेंस तक गांव नहीं पहुंच पहुंचती है,जिससे गर्भवती महिलाओं और बीमार ग्रामीणों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।