एकीकृत बाल विकास परियोजना कार्यालय फरसाबहार में पैसे की मांग मामले में शिकायतकर्ताओं का लिया गया बयान,कार्यकर्ताओं ने कहा पैसे की मांग करते हुवे लिखित एनओसी का बनाया गया दबाव

एकीकृत बाल विकास परियोजना कार्यालय फरसाबहार में पैसे की मांग मामले में शिकायतकर्ताओं का लिया गया बयान,कार्यकर्ताओं ने कहा पैसे की मांग करते हुवे लिखित एनओसी का बनाया गया दबाव

जशपुर : मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के रूप में परिवर्तित करने के बाद जशपुर जिला में महिला एवम बाल विकास विभाग भ्रष्टाचार का अखाड़ा बन गया है।एकीकृत बाल विकास परियोजना कार्यालय मनोरा से खुलासा शुरू होने के बाद अब एकीकृत बाल विकास परियोजना कार्यालय फरसाबहार भी भी बड़े भ्रष्टाचार का मामला सामने आ रहा है। यहां तो भ्रष्टाचार की जड़ें इतनी ज्यादा मजबूत होते नजर आई की एक तरफ भ्रष्टाचार का शुभारंभ करते हुवे पहले यहां कर्मचारियों के द्वारा रिश्वत के रूप में 20 हजार रुपए प्रति आंगनबाड़ी मिनी कार्यकर्ता का मांग किया गया और साथ ही यह भी दबाव पूर्वक निर्देशित किया गया कि वह एनओसी भी लिख कर दें कि उनसे किसी प्रकार का मांग नहीं किया जा रहा।उक्त मामला देखते ही देखते तुल पकड़ लिया और आक्रोशित मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने मामले का शिकायत किया जिस पर प्रशासन ने जांच शुरू कराया है।जांच रिपोर्ट जशपुर कलेक्टर के समझ पेश होने के बाद आगे की कार्यवाही की जायेगी,जिस पर सबकी निगाहें अब टिकी हुई है।

ज्ञात हो कि एकीकृत बाल विकास परियोजना कार्यालय फरसाबहार में मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा किए गए शिकायत पर प्रशासन ने शनिवार को जांच शुरू किया,जांच में प्रदीप राठिया एसडीएम,तहसीलदार सुशील सेन और नायब तहसीलदार ने शामिल हुवे जिनके द्वारा लगभग 30 मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं,4 सुपर वायजरों सहित दो अन्य कर्मचारियों का बयान लिया गया। जिसके बाद बयान के आधार पर जांच प्रतिवेदन जशपुर कलेक्टर के समक्ष आगे की कार्यवाही हेतु भेजा जा रहा है।

सूत्रों के अनुसार जांच के दौरान मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने अपने बयान में एकीकृत बाल विकास परियोजना कार्यालय फरसाबहार में पदस्थ कुछ कर्मचारियों पर गंभीर आरोप लगाया है।कार्यकर्ताओं ने अपने बयान में उनके द्वारा किए गए शिकायत पर अडिग रहते हुवे कर्मचारियों द्वारा पैसे की मांग करने और अपने कर्मों पर पर्दा डालने दबावपूर्वक निर्देश देते हुवे लिखित एनओसी लेने जैसे बातों का उल्लेख किया है।

एसडीएम प्रदीप राठिया से मिली जानकारी के अनुसार मामले में लगभग 30 कार्यकर्ताओं सहित 6 कर्मचारियों का बयान दर्ज किया गया है,बयान के आधार पर जांच प्रतिवेदन उच्च अधिकारियों के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा,जिनके द्वारा आगे का कार्यवाही किया जाना सुनिश्चित किया जायेगा।

क्या है मामला

गत दिनों प्रदेश भर में पदस्थ मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के पद पर परिवर्तित करने संबंधी आदेश महिला एवम बाल विकास विभाग के द्वारा जारी किया गया था।उक्त आदेश के तहत जशपुर जिला में 1387 मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के रूप में परिवर्तित कर पदोन्नति मिला। लेकिन जशपुर जिला में एकीकृत बाल विकास परियोजना कार्यालय मनोरा और फरसाबहार में पदोन्नति के नाम पर बड़े भ्रष्टाचार को जन्म दिया गया,और पदोन्नति प्रक्रिया हेतु आवश्यक दस्तावेज जमा करने संबंधी फाइल के लिए कार्यकर्ताओं से 20 हजार रुपए प्रत्येक मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता पैसे का मांग किया गया।जिनके द्वारा पैसे देने से इंकार किया गया उनका फाइल जमा नहीं किया गया।जिस कारण देखते ही देखते मामला तुल पकड़ा और बड़े भ्रष्टाचार का खुलासा हुआ।मामले में मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के द्वारा प्रशासन से मदद का गुहार लगाया गया जिस पर शासन ने जांच समिति गठित कर मामले में जांच शुरू कराया है। प्रथम दृष्टया शिकायतकर्ताओं के साथ साथ कर्मचारियों का बयान दर्ज किया गया है।मामले में संलिप्त के आधार पर प्रशासन दोनो परियोजना में दो बड़ी कार्यवाही की है। जिसमें मनोरा में पदस्थ एक बाबू को सस्पेंड किया गया है तो वहीं परियोजना अधिकारी फरसाबहार को जशपुर नियत किया गया है। दोनो परियोजना में हुवे जांच का प्रतिवेदन कलेक्टर जशपुर के समक्ष प्रतुत होने पर आगे की कार्यवाही किया जाना है,सभी की निगाहें आगे की बड़ी कार्यवाही पर टिकी हुई है।