राजी पड़हा के द्वारा आदिवासी समाज में फैलाया जा रहा भ्रामक जानकारी,धार्मिक और सामाजिक कार्यक्रमों में नहीं है कोई मनाही,विधायक संग आदिवासी समाज के नेताओं ने एकत्रित हो किया पत्रकार वार्ता को संबोधित

राजी पड़हा के द्वारा आदिवासी समाज में फैलाया जा रहा भ्रामक जानकारी,धार्मिक और सामाजिक कार्यक्रमों में नहीं है कोई मनाही,विधायक संग आदिवासी समाज के नेताओं ने एकत्रित हो किया पत्रकार वार्ता को संबोधित

जशपुरनगर: शहर के करबला रोड में स्थित डीपू बगीचा को लेकर एक बार फिर विवाद की स्थिति बन रही है। बीते 10 अगस्त को जिला प्रशासन द्वारा यहां अवैध रूप से संचालित किए जा रहे छात्रावास को बंद कराए जाने की कार्रवाई के विरोध में आदिवासी समुदाय का राजी पड़हा ने 3 सितंबर को आक्रोश रैली करने की घोषणा कर दी है। इस रैली के विरोध में जशपुर की विधायक रायमुनि भगत सहित शहर के आदिवासी एकजुट हो गए है।

डीपू बगीचा में आयोजित बैठक के बाद शहर के आदिवासियों ने कलेक्टर डा रवि मित्तल को ज्ञापन सौंप कर रैली की अनुमति ना देने का आग्रह किया है। डीपू बगीचा में आयोजित पत्रकार वार्ता में विधायक रायमुनी भगत ने बताया कि राजी पड़हा लोगों को गलत जानकारी देकर भ्रमीत कर रही है। उन्होनें बताया कि जिला प्रशासन ने डीपू बगीचा में अवैध रूप से चल रहे छात्रावास को बंद कराने की कार्रवाई की है। यहां धार्मिक और सामाजिक कार्यक्रम में किसी प्रकार का रोक नहीं है और ना ही सीलबंदी की कोई कार्रवाई की गई है। विधायक ने कहा कि राजी पड़हा,झारखंड,ओडिशा और पश्चिम बंगाल के लोगों को जशपुर में बुला कर,यहां की शांति व्यवस्था को बिगाड़ने का प्रयास कर रही है। इसका पुरजोर विरोध किया जाएगा। पूर्व डीडीसी कृपा शंकर भगत ने कहा कि डीपू बगीचा पूरी तरह से खुला हुआ है। अगर कोई भी सामाजिक संगठन यहां नियम कानून का पालन करते हुए धार्मिक या सामाजिक कार्यक्रम का आयोजन करना चाहता है तो प्रशासन की पूर्व अनुमति लेकर,आयोजन कर सकता है। भगत ने कहा कि राजी पड़हा के लोग जशपुर के उरांव लोगों को भ्रामक जानकारी देकर भड़काना चाह रहें हैं।

डीपू बगीचा में आयोजित बैठक में उपस्थित लालजीत भगत,कृपाशंकर भगत,रायमुनि भगत ने आरोप लगाया कि राजी पड़हा ने डीपू बगीचा और संगठन के मामले में कभी भी जशपुर के स्थानीय आदिवासियों को विश्वास में लेना जरूरी नहीं समझतें। इनका कहना था कि डीपू बगीचा को राजी पड़हा का मुख्यालय घोषित करने का मामला हो या फिर छात्रावास संचालित करने का,स्थानीय लोगों से कोई चर्चा नहीं करती है। विधायक भगत ने रूढ़ी प्रथा और सामाजिक न्याय प्रथा के नाम पर उरांव समाज को भड़काने का आरोप लगाते हुए कहा कि बाबा भीमराव आंबेडकर ने जिस संविधान में आदिवासियों को उनकी रूढ़ी और सामाजिक परम्पराओं को संरक्षित करने का अधिकार दिया,राजी पड़हा,उसी संविधान को मानने के लिए तैयार नहीं हैं।