"दीर्घकालिक संघर्ष का सुखद परिणाम- प्रोफेसर ए.आर.बैरागी को मिली "पी.एच.डी" की उपाधि"

"दीर्घकालिक संघर्ष का सुखद परिणाम- प्रोफेसर ए.आर.बैरागी को मिली "पी.एच.डी" की उपाधि"

जशपुर : शासकीय राम भजन राय एन.ई. एस. महाविद्यालय, जशपुर, के लिए पिछला सप्ताह सुखद सौगात लेकर आया, जब प्रोफेसर अभय राम बैरागी जी को 'संत गहिरा गुरु' विश्वविद्यालय, अंबिकापुर, द्वारा पी.एच.डी. की उपाधि का नोटिफिकेशन प्राप्त हुआ। 

उनका शोध विषय 'छत्तीसगढ़ राज्य की विशेष पिछड़ी जनजातियों के आर्थिक विकास कार्यक्रमों के योगदान का अध्ययन (जशपुर जिले के विशेष संदर्भ में)' था। इस शोध कार्य ने जशपुर जिले के विशेष पिछड़ी जनजातियों के आर्थिक उत्थान के लिए लागू विभिन्न सरकारी योजनाओं और कार्यक्रमों की प्रभावशीलता का गहन अध्ययन किया है।

डॉ. बैरागी का शोध जशपुर जिले के संदर्भ में केंद्रित था, जहां आदिवासी समुदायों की आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए कई योजनाएं और कार्यक्रम संचालित किए जाते रहे हैं।

यह सफलता निश्चित ही दीर्घकालिक संघर्ष का परिणाम है, उनकी इस उपलब्धि पर महाविद्यालय को गर्व है‌। प्राचार्य समेत समस्त महाविद्यालयीन स्टाफ ने उन्हें बधाई  दी। 

विदित हों कि डॉक्टर ए.आर. बैरागी 1987 से उच्च शिक्षा विभाग से जुड़े हैं। 1987 में उन्होंने आपाती-सहायक प्राध्यापक के रूप में शासकीय महाविद्यालय बेग़मगंज, जिला रायसेन, मध्यप्रदेश से अपने अध्यापन कार्य की शुरुआत की। तत्पश्चात् 1988- 89 से शासकीय महाविद्यालय पत्थलगांव में इसी पद पर कार्यरत रहते हुए उन्होंने 1993 में मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग की परीक्षा उत्तीर्ण कर इसी महाविद्यालय में नियमित सहायक प्राध्यापक के रूप में कार्यभार ग्रहण किया। बाद में उनका स्थानांतरण अपने ही गृह नगर में शासकीय विजय भूषण सिंह देव कन्या महाविद्यालय जशपुर में हुआ। 2006 से वे शासकीय राम भजन राय  स्नातकोत्तर  महाविद्यालय में वाणिज्य संकाय में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। डॉक्टर बी.के. गर्ग के निर्देशन में उन्होंने शोध कार्य हेतु 2012 में ही पंजीयन कराया और 24 फरवरी 2017 तक उन्होंने अपना शोध प्रबंध विश्वविद्यालय में जमा कर दिया था, किंतु  कतिपय आंतरिक कारणों(विश्वविद्यालय प्रशासन से संबंधित) तथा शोध प्रक्रिया के संबंध में यूजीसी. मानदंड  में कालांतर में हुए संशोधनों के कारण उपाधि मिलने में काफी विलंब हुआ। अंततः उनके श्रम और संघर्ष का प्रतिफल उन्हें मिला और 30 अगस्त 2024 को साक्षात्कार /मौखिक परीक्षा के उपरांत उन्हें उक्त उपाधि के योग्य पाया गया। 

प्रोफेसर बैरागी मृदु- भाषी, मिलनसार, उदार- हृदय और छात्र- हितैषी के रूप में जाने जाते हैं।  उन्होंने अपनी इस उपलब्धि का श्रेय शोध निदेशक डॉक्टर बी.के.गर्ग, महाविद्यालय प्रशासन तथा अन्य सहयोगियों, साक्षात्कार दाताओं तथा स्टाफ को दिया। उन्होंने यह भी स्वीकारा कि उनकी सफलता के पीछे उनकी धर्मपत्नी का सहयोग और साथ का विशेष हाथ रहा है। 

उच्च शिक्षा के क्षेत्र में इस उपाधि का महत्त्व सर्वविदित है। विषयों की अंतर्खोज और नवीन परिस्थितियों के अनुकूल अपने ज्ञान को परिवर्धित करना अध्यापन का महत्त्वपूर्ण भाग है ।

 उनकी इस उपलब्धि पर  डॉक्टर  यू. एन.लकड़ा, प्राचार्य ,शासकीय राम भजन राय एन.ई. एस.महाविद्यालय जशपुर, ने उन्हें बधाई देते हुए कहा कि मुझे इस बात पर गर्व है और हर्ष भी कि कम से कम सेवानिवृत्ति से पूर्व आपको यह उपाधि मिली है, मेरा पूरा विश्वास है कि सेवानिवृत होने के पश्चात भी विद्यार्थियों को और महाविद्यालय परिवार को आपका सहयोग यूं ही मिलता रहेगा।