Sports News : 'जब इंडिया हारे तो Gambhir दोषी, लेकिन जीते तो क्या..', पूर्व भारतीय क्रिकेटर ने किस पर साधा निशाना?

स्पोर्ट्स न्यूज डेस्क : भारत-इंग्लैंड के बीच पांच मैचों की टेस्ट सीरीज 2-2 की बराबरी पर समाप्त हुई। इस टेस्ट सीरीज में कोच गौतम गंभीर के फैसले सही साबित हुए जिसकी वजह से टीम ने सीरीज को बराबर कर लिया। सीरीज के बाद अब पूर्व भारतीय ओपनर नवजोत सिंह सिद्धू ने टीम इंडिया के हेड कोच गौतम गंभीर की दिल खोलकर तारीफ की हैं।
Navjot Singh Sidhu ने कोच Gambhir की दिल खोलकर की तारीफ
स्पोर्ट्स डेस्क, नई दिल्ली। Gautam Gambhir: पूर्व भारतीय ओपनर नवजोत सिंह सिद्दधू ने हेड कोच गौतम गंभीर की दिल खोलकर तारीफ की हैं। भारत-इंग्लैंड टेस्ट सीरीज 2-2 की बराबरी पर समाप्त होने के बाद उन्होंने उन सभी आलोचकों को मुंहतोड़ जवाब दिया हैं, जो सीरीज के दौरान गंभीर को ट्रोल कर रहे थे।
उन्होंने ट्रोलर्स से सवाल पूछा कि इंडिया जब हारती है तो गंभीर दोषी होते हैं, लेकिन जब जीते तो क्या आप उन्हें सपोर्ट और उनकी तारीफ करोगे? बता दें कि रोहित शर्मा और विराट कोहली जैसे दिग्गजों के बिना इंग्लैंड में पहली बार टेस्ट सीरीज को भारत ड्रॉ कराने में कामयाब हुआ।
Navjot Singh Sidhu ने कोच Gambhir की दिल खोलकर की तारीफ
दरअसल, भारत-इंग्लैंड (India-England Test Series) के बीच टेस्ट सीरीज का पांचवां मैच द ओवल में खेला गया, जिसमें भारत ने 6 रन से जीत हासिल की। इस मैच में टीम इंडिया की जीत का क्रेडिट नवजोत सिंह सिद्दू ने कोच गौतम गंभीर को दिया। अपने यूट्यूब चैनल पर सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) ने आलोचकों से ये सवाल पूछा,
"मैं ये कहना चाहता हूं कि जब भी भारत खराब खेलता है तो सभी गौतम गंभीर को इसका जिम्मेदार ठहराते हैं, लेकिन क्या आज आप उनका खड़े होकर उसका स्वागत करेंगे?"
उन्होंने इंग्लैंड दौरे पर अपनी रणनीति पर विश्वास किया। जहां कुलदीप यादव जैसे स्पिनर को चुनने की जगह उन्होंने आकाश दीप और वाशिंगटन सुंदर जैसे युवा खिलाड़ियों को मौका दिया। हो सकता है कि कुलदीप एक बेहतर विकल्प होते, लेकिन गंभीर के पास अपना विश्वास और सोच थी और उन्होंने उसे ही जारी रखा। जब पूरा देश उनकी आलोचना कर रहा था, तब भी उन्होंने अपने फैसलों पर डटे रहकर टीम को आगे बढ़ाया।
पूर्व भारतीय ओपनर ने आगे कहा,
"ये गौतम गंभीर ही थे जिन्होंने इस बदलाव पर जोर दिया। उन्होंने आकाश दीप और वाशिंगटन सुंदर जैसे खिलाड़ियों को मौका दिया। हां, कुलदीप शायद बेहतर विकल्प होते, लेकिन गंभीर के पास अपनी सोच पर भरोसा था। आज और कल में सुधार की गुंजाइश बनी रहेगी, लेकिन जिस इंसान को बार-बार सवालों और आलोचनाओं का सामना करना पड़ा है, आज उसे वो सम्मान दीजिए जिसका वो हकदार है।"
उन्होंने आगे कहा,
"जब ये टीम गई थी, तो उसमें कई ऐसे नाम थे जो अभी तक चर्चित नहीं थे। गंभीर ने पहले ही कहा था कि टीम में तीन-चार बड़े नाम नहीं हैं, लेकिन इसे एक मौके की तरह देखिए, जहां बाकी खिलाड़ी खुद को साबित कर सकते हैं और आज उनकी कही बात सच साबित हो गई है। चाहे ब्रिस्बेन हो, पर्थ या इंग्लैंड, इतिहास युवाओं ने ही लिखा है और यह बहुत बड़ी बात है।"