दीपावली के अवसर पर केन्द्रीय जेल अंबिकापुर में 'सरगुजा स्कूल ऑफ आर्ट्स' की होगी स्थापना : सरगुजा व जशपुर क्षेत्र की महान कला परंपराओं को अक्षुण्ण रखने के उद्देश्य से जेल विभाग का रचनात्मक योगदान

दीपावली के अवसर पर केन्द्रीय जेल अंबिकापुर में 'सरगुजा स्कूल ऑफ आर्ट्स' की होगी स्थापना : सरगुजा व जशपुर क्षेत्र की महान कला परंपराओं को अक्षुण्ण रखने के उद्देश्य से जेल विभाग का रचनात्मक योगदान

जशपुर : सरगुजा व जशपुर क्षेत्र की महान कला परंपराओं को अक्षुण्ण रखने के उद्देश्य से जेल विभाग दीपावली के अवसर पर केन्द्रीय जेल, अंबिकापुर में 'सरगुजा स्कूल ऑफ आर्ट्स' की स्थापना कर रहा है। 'सरगुजा स्कूल ऑफ आर्ट्स' में अंबिकापुर जेल में निरूद्ध बंदियों को अभिरूचि के आधार पर कला, चित्रकारी, स्केचिंग इत्यादि में प्रशिक्षण दिया जाएगा। यह प्रशिक्षण जेल में निरूद्ध बंदियों तथा बाहर से आमंत्रित विषय विशेषज्ञों द्वारा दिया जाएगा।

जेल में निरूद्ध युवा बंदियों में अत्यधिक ऊर्जा होती है। इस उर्जा को रचनात्मक एवं सकारात्मक मूर्त रूप देना आवश्यक है। इन बंदियों को कला, चित्रकारी, स्केचिंग इत्यादि में एक्सपर्ट बनाया जाएगा। रिहाई के वक्त इन बंदियों को इनके द्वारा बनाई गई पेंटिंग यादगार के रूप में फ्रेम करके दी जाएगी।

बंदियों द्वारा बनाई गई उत्कृष्ट पेंटिंग्स को जेल के "हॉल ऑफ फेम" में प्रदर्शित किया जाएगा। इन पेंटिंग्स को एम्पोरियम में भी रखा जाएगा ताकि आम जनता इनका अवलोकन कर सके। विक्रय की स्थिति में आधी राशि संबंधित बंदी के बैंक खाते में जमा कराई जाएगी।

*युवा शक्ति को सज्जन शक्ति बनाने की पहल*

जेल महानिदेशक हिमांशु गुप्ता ने बताया कि 'सरगुजा स्कूल ऑफ आर्ट्स' युवा शक्ति को सज्जन शक्ति बनाने हेतु जेल विभाग का प्रयास है। साथ ही कला के क्षेत्र में जशपुर तथा सरगुजा क्षेत्र की महान परंपरा को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से जेल विभाग का यह रचनात्मक योगदान है।