संयुक्त मंच ने कहा जिस संगठन ने दिया है माफीनामा उन पर लागू हो मानदेय काटने और बर्खास्तगी का आदेश,संयुक्त मंच इस आदेश के दायरे में नहीं,संचालक सहित मंत्री और मुख्यमंत्री के नाम सौंपा जायेगा दमन नीति के विरुद्ध ज्ञापन

संयुक्त मंच ने कहा जिस संगठन ने दिया है माफीनामा उन पर लागू हो मानदेय काटने और बर्खास्तगी का आदेश,संयुक्त मंच इस आदेश के दायरे में नहीं,संचालक सहित मंत्री और मुख्यमंत्री के नाम सौंपा जायेगा दमन नीति के विरुद्ध ज्ञापन

रायपुर : 1 सितंबर को होने वाले एकदिवसीय जिला स्तरीय हड़ताल,रैली और ज्ञापन के संबंधी कार्यक्रम आयोजन से पूर्व ही प्रदेश में उबाल में आ गया है। शासन के चेतावनी भरे पत्र जारी होने के बाद संयुक्त मंच ने आपत्ति जताते हुए कहा कि आंदोलन को कुचलने ऐसा तुगलकी फरमान जारी किया गया है जबकि वह इस दायरे में है ही नहीं।
ज्ञात हो कि दिनांक 19/08/2025 को पदुम सिंह अल्मा संचालक महिला एवं बाल विकास विभाग संचालनालय नवा रायपुर छत्तीसगढ़ के द्वारा पत्र क्रमांक/6702/05/मबावि/आई - 04/2025- 26 को सभी जिला कार्यक्रम अधिकारी/जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग जिला समस्त छत्तीसगढ़ को पत्र जारी किया गया,जिसके तारतम्य में जशपुर जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग जशपुर ने सभी परियोजना अधिकारी को पत्र जारी किया है,यह पत्र संचालनालय महिला एवं बाल विकास, छत्तीसगढ़ इन्द्रावती भवन, ब्लॉक-1 द्वितीय तल, नवा रायपुर का पत्र क्रमांक/6702/65/मबावि/आई-04/2025-26 नवा रायपुर दिनांक 19.08.2025 के संदर्भ में जारी हुआ है जिसमें उन्होंने लिखा है कि अपने मांगों की पूर्ति हेतु शासन पर दबाव बनाने की मंशा से बार-बार धरना / हड़ताल किया जाता है। जिससे विभागीय योजनाओं के क्रियान्वयन में बाधा उत्पन्न होती है। यदि वें धरना / हड़ताल / प्रदर्शन में जाती है तो यह निर्देशों का उल्लंघन होगा। ऐसी स्थिति में धरना / हड़ताल / प्रदर्शन में जाने वाली कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं के मानदेय का भुगतान न करते हुए सुसंगत कार्यवाही करें। साथ ही इन्हें चेतावनी दी जाये कि यदि भविष्य में भी हड़ताल करते करेंगे तो पद से हटाने की कार्यवाही की जायेगी।उक्त आदेश राज्य के सभी जिला में जिला कार्यक्रम अधिकारियों के द्वारा जारी किया गया है।देखते ही देखते यह मामला आग की लपटों की तरह 1 लाख से ज्यादा आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं तक पहुंचा।मामले की गर्माहट को देख तत्काल आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका संघ का संयुक्त मंच सक्रिय हुआ और सामूहिक गहन मंथन कर निर्णय लिया कि इस वक्त राज्य में कुल 8 संगठन पंजीकृत है जिसमें छत्तीसगढ़ आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका संघ,छत्तीसगढ़ महिला आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका संघ बस्तर,प्रगतिशील आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका संघ रायपुर, संघर्ष शील आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका यूनियन छत्तीसगढ़, छत्तीसगढ़ सक्षम आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका कल्याण संघ संयुक्त मंच का हिस्सा है।इसके अलावा राज्य में अन्य तीन पंजीकृत संघ जुझारू आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका संघ,आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका संघ - सीटू और भारतीय मजदूर संघ संयुक्त मंच भी मौजूद हैं। उक्तशय की जानकारी देते हुए संयुक्त मंच के सलाहकार मंडल देवेंद्र पटेल ने बताया कि संयुक्त मंच के द्वारा अभी तक कोई भी पत्र माफीनामा सम्बन्धी शासन प्रशासन को नहीं दिया गया है।जिस भी अन्य संघ द्वारा यह माफीनामा दिया गया होगा शासन का उक्त आदेश उन पर ही लागू किया जाये। अपने हक और अधिकार के लिये शांतिपूर्ण तरीके से बात रख आवाज उठाना हर लोकतांत्रिक अधिकार है।शासन का उक्त आदेश लोकतंत्र की हत्या करने वाला प्रतीत होता है।इस वजह से संयुक्त मंच ने सामूहिक निर्णय लिया है कि शासन की दमनकारी नीतियों से झुके बिना शांतिपूर्ण तरीके से 1 सितंबर को राज्य भर में जिला स्तरीय एकदिवसीय हड़ताल,रैली और ज्ञापन सौंपने का कार्यक्रम आयोजित होगा।जिसे सफल बनाने संयुक्त मंच से जुड़े सभी संघ के लोग एक साथ एक मंच पर कदम से कदम मिला नजर आएंगे।शासन ने जो आदेश जारी किया है उक्त आदेश के दायरे में संयुक्त मंच नहीं आता है क्योंकि संयुक्त मंच द्वारा अब तक कोई भी ऐसा माफीनामा नहीं दिया गया है,उक्त आदेश के संबंध में संयुक्त मंच 1 सितंबर को प्रत्येक जिला में कलेक्टर के माध्यम से संचालक,मंत्री और मुख्यमंत्री के नाम इस ज्ञापन भी सौंपेंगे और मांग करेंगे कि जिस संघ ने माफीनामा दिया है उक्त आदेश का पालन उन्हीं पर हो अन्य संघ के लोगों पर नहीं।

क्या है उक्त आदेश में
जिला कार्यक्रम अधिकारी द्वारा जारी आदेश में अंकित है कि आंगनबाडी कार्यकर्ता एवं सहायिका संघ के ज्ञापन पत्र के माध्यम से ज्ञात हुआ है कि वर्ष 2017-18 एवं 2022-23 में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं द्वारा किये गये हडताल के संबंध में लिखित में माफीनामा दिया गया है कि "भविष्य में हड़ताल/धरना/प्रदर्शन की स्थिति पुनः उत्पन्न नहीं होगी।" इसके पश्चात भी आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं द्वारा पुनः प्रदर्शन किये जाने की सूचना दी जा रही है।
आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं के मांगों के संबंध में प्राप्त मांग पत्रों के जवाब में संचालनालय से विभिन्न पत्रों के माध्यम से जवाब भेजा जा चुका है फिर भी इनके द्वारा अपने मांगों की पूर्ति हेतु शासन पर दबाव बनाने की मंशा से वार-बार धरना/हडताल किया जाता है। जिससे विभागीय योजनाओं के क्रियान्वयन में बाधा उत्पन्न होती है। यदि वें धरना/हड़ताल / प्रदर्शन में जाती है तो यह निर्देशों का उल्लंघन होगा। ऐसी स्थिति में धरना/हडताल/प्रदर्शन में जाने वाली कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं के मानदेय का भुगतान न करते हुए सुसंगत कार्यवाही की जाये। साथ ही इन्हें चेतावनी दी जायेगी कि यदि वें भविष्य में भी हडताल करते रहेंगे तो पद से हटाने की कार्यवाही की जायेगी।